द केरला स्टोरी
रिपोर्टर अहसान चौधरी
“सोचो जब नफरत को मिटाने वाले ही..नफरत बाटेंगे तो देश का क्या हाल होगा”..!
“द केरला स्टोरी
” शुरू होते ही डिस्क्लेमर आता है कि “यह कहानी काल्पनिक है और इसका किसी जीवित या मृत्यु व्यक्ति से कोई संबंध नहीं”..
और प्रधानमंत्री जी कर्नाटक में बता रहे हैं कि “द केरल स्टोरी” में बहुत कुछ सामने आ रहा हैं..
दुर्भाग्य हमारा..हमारे प्रधानमंत्री का एक काल्पनिक आधारित फ़िल्म को अपना हथियार बनाना ही अपना मकसद बना लिया हैं..
पब्लिक को मूर्ख बानाकर
और उससे अपनी राजनीति की रोटी सेखना.. ये जो हो रहा है वो कोई और नहीं देश के प्रधानमंत्री जी बोल रहे हैं..सोचो जब नफरत को मिटाने वाले ही नफरत बाटेंगे तो देश का क्या हाल होगा.??
कभी-कभी तो यह सोचना पढ़ता हैं
क्या इसी दिन के लिए देश आजाद हुआ हमारे पूर्वजों इस दिन के लिए शहीद हुए ‘जब देश का मुखिया ही संविधान की धज्जियां उड़ा रहा हो तो फिर सब कुछ बेकार हैं’..
देश क्या था..और क्या हो गया.!
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